

पटना : कुंभ का कोई मतलब है, फालतू है कुंभ. ये कहना है भारत रत्न की चाह रखने वाले लालू प्रसाद यादव का. चारा घोटाले में सजायाफ्ता हैं और बेल पर बाहर हैं. खुद चुनाव नहीं लड़ सकते लेकिन मोदी को हराने की कसम खाते हैं. उधर बेटे तेजस्वी यादव का मानना है कि चुनाव आयोग कैंसर है. लोकतंत्र के लिए खतरा है. तेजस्वी को उम्मीद है कि केंद्र में उनकी सरकार बनेगी और वो ईवीएम हटा देंगे. ये सुनकर लालू जरूर दुखी होंगे. सोच रहे होंगे कब सरकार बनेगी, कब ईवीएम हटेगा और कब मोदी को हराने का सपना पूरा होगा. लेकिन पिता-पुत्र दोनों राजनीति खेलने के माहिर हो चुके हैं. इसलिए लालू ने अगर कुंभ के बहाने पर आस्था पर चोट किया तो सोच समझ कर किया. उधर बेटे तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को निशाना बनाया तो बिल्कुल सोच समझ कर.